एक अरसे के बाद कुछ लिखा है
थम के लब पे रह गयी फिर कोई सदा
अल्लाह! इस बेबसी का क्या कोई करे?
तू हो के पास भी रखे सदियों के फासले
जानम! मेरी आरजू रहे कायम या मरे ?
हिचकियाँ न कर दे बदनाम कहीं तुझको
बेबसी! ये दिल क्यूं तेरी याद से है डरे?
उन की सुकूं की नींद पे जगराते मेरे निसार
सबा! फिर तेरा रुख क्यूं मेरी चाह से है परे ?
वो थे मेरे, मेरे हैं, मेरे ही उन को बनना है
हालात! फिर तू क्यूं मजाक ऐसा है करे ?
चाहने वालों सा झूठा नहीं नाम मेरा लेकिन
तकदीर! क्यूं मेरे लिए ऐसा ज़हर भरे है ?
bht khoob sir.....
जवाब देंहटाएंmere blog ko padhne le liye shukriya......
ji bikul use vishaye par aur bhi kuch likhunga...
shandaar!!!! mere blog par aane ka shukriya g!
जवाब देंहटाएंउम्दा!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत!
DIL KO CHHOO LENE WALE EHASASH...MERE BLOG PAR AANE KE LIYE DHNYABAD
जवाब देंहटाएंउम्दा!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत!
great
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