गुरुवार, फ़रवरी 04, 2010

मुड़कर भी नहीं देखा.......

दोस्तों, एक शेर है
''मुड़कर भी नहीं देखा झोंके की तरह उसने
वोह, जो मेरे बराबर से हंसते हुए गुज़रा है''

क्या हिंदी फिल्म्स के कई नाम आज ऐसा ही नहीं सोचते होंगे? सफलता एक बार उनके करीब आई, उनके साथ चली और फिर उनसे आगे निकल गयी, फिर उनके आसपास यूं बिखर गया सन्नाटा, मानो कुछ हुआ ही नहीं हो। कुछ ने अपने फैसलों की गलती की सज़ा भुगती और कुछ हालात के शिकार हो गए। हमराज़ की (सुनील दत्त fame ) विम्मी तो आपको याद होंगी, किस क़दर धमाकेदार शुरुआत थी उनकी, मासूम चेहरा और काफी कुछ बोलने को आतुर आँखें, इन्होने उन्हें रातों रात सितारा बना दिया था। उसके बाद वोह शशि कपूर के साथ पतंगा में दिखीं, फिल्म औंधे मुंह गिरी, आप जानते हैं की फिर विम्मी का क्या हुआ? हज़ारों दिलों की धड़कन वोह अभिनेत्री एक अस्पताल में लावारिस मरी मिली। महंगा इलाज़ तो दूर, उनके पास देसी शराब पीने के भी पैसे नहीं बचे थे। सारी पूंजी अपने फोटो सेशन और फिल्म के प्रचार पर खर्च कर चुकी विम्मी खामोश हो गईं।
क्या आपने कभी फिल्म स्टार तापस पाल का नाम सुना है? शायद नहीं, यह वोह ही शख्स था, जिसके साथ माधुरी दीक्षित ने "अबोध " फिल्म से अपना करियर शुरू किया था, माधुरी ने बाद में सफलता के झंडे गाड़े और तापस न जाने कहाँ पीछे रह गए। क्या आप स्वरुप दत्त को जानते हैं? वे कभी जया भादुड़ी के साथ हीरो बनकर "उपहार " फिल्म में आए थे, जया कहाँ से कहाँ पहुँच गईं और स्वरुप न जाने कहाँ रह गए? नूतन बेहतरीन अभिनेत्री तक का सफ़र तय कर चुकीं लेकिन उनकी सुपर हिट फिल्म "सरस्वती चन्द्र " के हीरो मनीष का अब कोई नाम भी नहीं लेता है। .
गायकी में एक समय अपना मुकाम बनाने वाले शैलेन्द्र सिंह की गुमनामी भी त्रासदायी है। दो जासूस के बाद उन्हें हीरो बनने की सूझ गयी, उन्हें रेखा के साथ अग्रीमेंट जैसी फिल्म भी मिल गयी, लेकिन आगे वे अभिनय में सफल नहीं रहे और न ही गायकी में उन्हें पुराना मुकाम मिल सका।

काजल किरण ने जब ऋषि कपूर के साथ "हम किसी से कम नहीं " की तो वेह सुर्ख़ियों में आ गईं, उन्हें मिथुन के साथ एक दो फिल्म भी मिलीं, लेकिन बाद में वोह सिर्फ रामसे बंधुओं की फिल्म्स तक ही सीमित हो गईं, हालत यह हुई की उन्हें अनिल कपूर की फिल्म "अन्दर बाहर " में आयटम नंबर करना पड़ा, वोह भी अंग प्रदर्शन के साथ। काजोल आज स्थापित अभिनेत्री हैं, लेकिन उनकी पहली फिल्म "बेखुदी " में उनके हीरो बने कमल सदाना गुम हो चुके हैं। किसी समय "मैंने प्यार किया " के जरिये हर दिल में जगह बनाने वाली भाग्यश्री के लिए अब रोल के लाले हैं, उन्हें तो अक्षय कुमार की बहन का छोटा रोल (हमको दीवाना कर गए ) तक करना पड़ा

प्रतिघात की ज़बरदस्त सफलता के बाद चर्चा में रहीं सुजाता मेहता की प्रसिद्धि का सफ़र बस इतना हीरहा , बाद में वे "कंवरलाल " जैसी इक्का-दुक्का फिल्मों में दिखीं और फिर गायब हो गईंकुली में धमाकेदार शुरुआत करनी वाली शोभा आनंद आज अपने मोटापे के चलते कोमेडी कर रही हैं और तब उनके हीरो रहे ऋषी कपूर भरपूर नाम कमाने के बाद अवकाश का जीवन बिता रहे हैंफरदीन के पास भी ठीक ठाक मुकाम है, लेकिन उनकी पहली फिल्म "प्रेम अगन " की हेरोइन अंजलि जठार जाने आज कहाँ हैं? "कहो प्यार है " के बाद ऋतिक आज शिखर पर हैं और उनकी हेरोइन अमीषा पटेल का पता ही नहीं है
वाक़ई वक़्त बेहद बलवान है

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